ख्यालात .
कुछ शेर ख्यालों में अटके रहते हैं . कुछ ख्याल दिमाग में बैठ जाते हैं.
Sunday, 1 December 2013
अक्स
अक्स तो मौज़ूद था पर अक्स तन्हाई का था
आईना तो था मगर उसमें तेरा चेहरा न था
बयान : फराज़
ये क्या कि सबसे बयान दिल कि हालतें करनी
फराज़ तुझको न आयी मोहब्बतें करनी।
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)